अजनर PHC में लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट नहीं, मरीजों को इलाज के लिए हो रही परेशानी
मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की सेवाएं भी प्रभावित, गर्भवती महिलाएं प्राइवेट जांच केंद्रों के भरोसे

अजनर (महोबा)।अजनर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), जो अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में संचालित है, बुनियादी चिकित्सा स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। यहां लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट की तैनाती न होने से मरीजों को इलाज और जांच दोनों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। यह स्थिति केवल रोज़मर्रा के इलाज को नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री आरोग्य मेले जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य आयोजनों को भी प्रभावित कर रही है।
पिछले छह दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण भले ही मरीजों की संख्या में कमी आई हो, लेकिन जो भी मरीज आरोग्य मेले में पहुंचे, वे पेशाब, खून आदि की सामान्य जांच न होने के कारण बिना इलाज के लौट गए। सूत्रों के अनुसार, अजनर PHC में तैनात लैब टेक्नीशियन की ड्यूटी कुलपहाड़ भेज दी गई है, जिस कारण जांच कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
गर्भवती महिलाओं को निजी केंद्रों का सहारा
स्थिति इतनी गंभीर है कि टीकाकरण और प्रसव पूर्व जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी ज़रूरी जांच के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी लैबों का रुख करना पड़ रहा है। इससे उन्हें न केवल असुविधा हो रही है, बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
आरोग्य मेला में इलाज तो हुआ, पर जांच शून्य
शनिवार को अजनर में आयोजित आरोग्य मेले में डॉ. बैशाली सोनी और डॉ. रामकुमार ने 42 मरीजों को देखा, लेकिन लैब सुविधाएं न होने के कारण कोई भी जांच नहीं हो सकी। वहीं, खमा गांव में आयोजित आरोग्य शिविर में डॉ. पवन राजपूत, डॉ. पी. एन. शर्मा, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ. जे. पी. पस्तोर, किरण यादव और प्रेमनारायण की टीम ने 55 मरीजों का इलाज किया।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
गांववासियों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट की नियुक्ति की मांग की है। लोगों का कहना है कि बिना बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के कोई भी स्वास्थ्य केंद्र केवल नाम का संचालन बनकर रह जाता है। प्रशासन यदि समय रहते कदम नहीं उठाता, तो ग्रामीणों को गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझना पड़ सकता है।