ओलंपिक जूडो में चरखारी की लगन लक्षकार ने लहराया भारत का परचम
ताइपे कैडेट एंड जूनियर एशियन कप 2025 में 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास

चरखारी (महोबा)।चरखारी की बेटी लगन लक्षकार ने अंतरराष्ट्रीय जूडो स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन कर देश और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ताइवान में आयोजित ताइपे कैडेट एंड जूनियर एशियन कप 2025 में –57 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने ओलंपिक स्तर की तैयारी में पहला बड़ा मुकाम हासिल किया है।लगन की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न सिर्फ चरखारी कस्बे, बल्कि पूरे महोबा जनपद और उत्तर प्रदेश में हर्ष की लहर है। नगरवासियों सहित जिले के तमाम जनप्रतिनिधियों, शिक्षा विभाग और खेलप्रेमियों ने उनकी इस जीत पर बधाई दी है।
जूडो के प्रति “लगन”, लक्ष्य बना पदक
लगन लक्षकार ने बचपन से ही जूडो को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बनाया। स्कूल, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शानदार सफलता के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।हालांकि उनका पैतृक निवास झांसी जिले में है, लेकिन वे बचपन से ही चरखारी निवासी अपने मौसा श्री परमानंद लक्षकार के साथ रह रही हैं, जो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। प्रारंभिक शिक्षा रामनगर, चरखारी से प्राप्त करने के बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज, रिवई चरखारी से उत्तीर्ण की।
बधाईयों का तांता
लगन की इस उपलब्धि पर एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर, विधायक डॉ. बृजभूषण राजपूत, एलएनटीसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. नरेंद्र थापक, उपजिलाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, प्रकाश सक्सेना, सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने बधाई दी।
वहीं, उनके विद्यालय के प्रधानाचार्य शुभम त्रिपाठी, खेल प्रभारी अनुज मिश्र और आजाद सिंह सहित समस्त विद्यालय परिवार ने बिटिया की सफलता पर गर्व जताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
गर्व की बात: चरखारी से लेकर देश तक की शान बनी लगन
विद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह उपलब्धि केवल चरखारी या महोबा जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और सम्पूर्ण भारत के लिए भी गर्व की बात है। लगन जैसी होनहार बेटियां साबित करती हैं कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और मार्गदर्शन हो, तो बुंदेलखंड की माटी भी अंतरराष्ट्रीय पदकों की महक दे सकती है।