मंगलगढ़ किले के दिन बहुरे: 30 साल बाद जनता के लिए फिर खुलेगा ऐतिहासिक किला

चरखारी, महोबा। बुंदेलखंड की ऐतिहासिक शान और वीरता की गाथा समेटे मंगलगढ़ किला अब फिर से आम जनता के लिए अपने द्वार खोलने जा रहा है। करीब तीन दशक से बंद पड़े इस दुर्ग के पुनरुद्धार की पहल क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शुरू कर दी गई है।मंगलवार को विधान परिषद सदस्य जितेंद्र सिंह सेंगर, उपजिलाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, और झाँसी मंडल के पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव त्रिवेदी के नेतृत्व में मंगलगढ़ किले का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर नगर पालिका परिषद चरखारी के अधिकारीगण भी मौजूद रहे।
प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत का अद्भुत संगम
चरखारी नगर में स्थित यह भव्य किला करीब 400 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जो दूर से ही अपनी भव्यता का आभास कराता है। किले में सात प्राचीन सरोवर, रियासतकालीन तोपें, मंदिर, और ऊँचाई से दिखने वाला विहंगम दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। इसे बुंदेलखंड का हिल स्टेशन भी कहा जाता है।
जल्द खुलेगा आमजन के लिए प्रवेश द्वार
किले को पर्यटन के लिए खोलने की दिशा में तेजी से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। एमएलसी सेंगर ने अधिकारियों को किले में साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय, पार्किंग, और अन्य मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “लोग जब अपने परिवारों के साथ यहाँ आएं, तो उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।”
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
एमएलसी सेंगर ने स्पष्ट किया कि मंगलगढ़ किले का पुनः खुलना न केवल चरखारी क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को पंख देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगा। इससे जुड़ी हर योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच और बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लक्ष्य से जोड़ा गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि “बुंदेलखंड के किलों को सिर्फ देखा ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि समझा भी जाना चाहिए — क्योंकि यही हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का आधार हैं।“
पुरातत्व विभाग की देखरेख में होगा कार्य
किले के भीतर पुरातात्विक संरचनाओं के संरक्षण, मंदिरों की मरम्मत, और ऐतिहासिक तोपों की सुरक्षा जैसे कार्य पुरातत्व विभाग की निगरानी में किए जाएंगे। अधिकारी राजीव त्रिवेदी ने भरोसा दिलाया कि “बहुत जल्द मंगलगढ़ किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होकर सामने आएगा।“
अब इंतजार है उस दिन का जब आमजन फिर से इस ऐतिहासिक किले की सीढ़ियां चढ़ेंगे, और बुंदेली इतिहास को अपनी आँखों से देख पाएंगे।
चरखारी का मंगलगढ़ अब नये युग में प्रवेश कर रहा है – और इसके साथ ही स्थानीय विकास की नई इबारत भी लिखी जा रही है।