टेंडर प्रक्रिया विवाद के बीच खनिज परिवहन शुल्क वसूली का ठेका 25.43 करोड़ में फाइनल…..
अध्यक्ष जेपी अनुरागी बोले- “स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं”

महोबा। जिला पंचायत में खनिज परिवहन शुल्क वसूली को लेकर टेंडर प्रक्रिया अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। टेंडर को लेकर बीते दिनों हुए विवादों के बीच गुरुवार को जिला पंचायत अध्यक्ष जयप्रकाश (जेपी) अनुरागी ने प्रेस वार्ता कर पूरा घटनाक्रम विस्तार से सार्वजनिक किया।
टेंडर प्रक्रिया रही पूरी तरह पारदर्शी:
जेपी अनुरागी ने बताया कि खनिज परिवहन शुल्क वसूली का ठेका 7 जुलाई 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए निकाला गया था। टेंडर प्रक्रिया भारत सरकार के ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी ढंग से पूरी की गई। कुल 7 फर्मों ने आवेदन किया, जिनमें से 3 के दस्तावेज अधूरे पाए गए और उन्हें तकनीकी परीक्षण में बाहर कर दिया गया। 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक बोली प्रक्रिया हुई, जिसमें 4 फर्मों ने भाग लिया। निर्धारित न्यूनतम राशि 13.13 करोड़ के सापेक्ष लखनऊ की दाता सार मिनिरल्स ने 25.43 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाकर ठेका हासिल किया।
टेंडर में रिकार्ड बोली, जिले को होगा लाभ:
सर्वाधिक बोली पहले तय अनुमान से करीब 12.30 करोड़ अधिक रही।यह अतिरिक्त धनराशि जिले में विभिन्न विकास कार्यों में खर्च की जाएगी।
टेंडर विवाद पर अध्यक्ष का स्पष्ट बयान:
टेंडर प्रक्रिया में बाधा डालने को लेकर उन्होंने कहा –
टेंडर की सरकारी प्रक्रिया बाधित करने वालों से किसी भी शर्त पर समझौता संभव नहीं है। उन्होंने वायरल वीडियो पर भी सफाई देते हुए कहा कि मैं अपनी शिकायत पर आज भी कायम हूं। किसी ने कोई यूटर्न नहीं लिया है।”उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति विशेष के कृत्य का विरोध है, न कि किसी जाति का। जातिगत रंग देकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश हो रही है।
बीजेपी नेता का नाम आने पर जताया खेद:
जेपी अनुरागी ने कहा –अभद्रता करने वाला व्यक्ति भाजपा मंडल अध्यक्ष से जुड़ा बताया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि
“ब्राह्मण हमारे पूज्य हैं, यह विषय जातीय नहीं बल्कि आचरण का है।”
प्रशासन से कार्रवाई की मांग:
जेपी अनुरागी ने जानकारी दी कि 28 जून को प्रशासन को प्रार्थना पत्र सौंपा गया था मामले में अब एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन्होंने मांग की कि दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो, अन्यथा वह स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेंगे।