
चरखारी (महोबा)। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के पावन अवसर पर चरखारी नगर समेत समस्त जनपद व बुंदेलखण्ड क्षेत्र में चिरंजीवी श्री हनुमान जी महाराज का जन्मोत्सव श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर नगर के प्रमुख हनुमान मंदिरों में विशेष वैदिक अनुष्ठानों, सुन्दरकाण्ड, श्री रामचरितमानस के अखण्ड पाठ, शोभायात्राओं और भंडारों का आयोजन किया गया। श्री हनुमान जी महाराज का जन्मोत्सव प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, उस दिन भी हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था जबकि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को माता सीता द्वारा उन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त हुआ था। इसी कारण से हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाने की परंपरा है।
प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, अष्ट सिद्धियों व नव निधियों के स्वामी, सप्त चिरंजीवियों में से एक श्री हनुमान जी को कलियुग में भी जीवित माना जाता है। मान्यता है कि उनकी कृपा से भक्तों के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।
चरखारी नगर स्थित भड़ेरिया वाले हनुमान जी, दिहुलिया, खंदा वाले हनुमान जी, नाके वाले हनुमान जी समेत समस्त प्रमुख हनुमान मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। मंदिरों में भव्य सजावट के साथ ही वैदिक अनुष्ठान, हवन-पूजन और भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। क्षेत्र के ख्यातिप्राप्त एवं सिद्ध मंदिर काकुन सरकार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यहाँ अखंड श्री रामचरितमानस पाठ के साथ विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। वहीं खंदा वाले हनुमान मंदिर में दिनभर वैदिक अनुष्ठानों के साथ भंडारा चलता रहा। नगर में जगह-जगह आयोजित सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, रामचरितमानस पाठ, शोभायात्रा एवं भंडारों के माध्यम से भक्तों ने अपनी श्रद्धा अर्पित की। समस्त आयोजन भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हुए, जिससे नगर का संपूर्ण वातावरण राम और हनुमान भक्ति में सराबोर रहा।