
महोबा (यूपी)। जनपद महोबा के विकासखंड कबरई अंतर्गत श्रीनगर क्षेत्र में वन विभाग की कार्यशैली को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बिलखी और इमलाही के जंगलों में वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण हेतु कराए जा रहे निर्माण कार्यों में स्थानीय मजदूरों की जगह जेसीबी मशीनों से काम कराया जा रहा है। इससे न केवल मनरेगा व श्रमिक रोजगार योजनाओं की अवहेलना हुई है, बल्कि ग्रामवासी भी बेरोजगारी की मार झेलने को मजबूर हैं।

स्थानीय मजदूरों को नहीं मिला रोजगार, पलायन को मजबूर
ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु बनाए जाने वाले गोल गड्ढे और नाली कार्य में भारी अनियमितताएं की गई हैं। तय मानकों के अनुसार 10,000 गोल गड्ढे और 4,000 नाली खोदे जाने थे, लेकिन केवल लगभग 3,000 गड्ढे और 2,000 से भी कम नालियां बनाई गई हैं। यह काम भी मजदूरों से ना करवा कर मशीनों के माध्यम से किया गया, जिससे सैकड़ों ग्रामीणों को काम से वंचित होना पड़ा और कई मजदूरों को आजीविका के लिए अन्य शहरों की ओर पलायन करना पड़ा।
खंभों और तारों में भी घोटाले का आरोप
ग्रामीण ब्रजनंदन विश्वकर्मा ने बताया कि हंड्रेड पाम से मामना चौकी तक खंभे लगाए जाने थे, जिसका अनुमान 4,200 खंभों का था। लेकिन मौके पर केवल 1,700 खंभे ही लगाए गए। बाकी तार और खंभे बरूआ सागर ले जाकर निजी खेतों में उपयोग कर लिए गए। ग्रामीणों ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। नाराज ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया और वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में ब्रजनंदन विश्वकर्मा, जाहिर सिंह, हेमंत, विनीता सिंह, सरस्वती, सरोज, मिथलेश कुमारी, खड़क अनुरागी, भूरालाल, हरि कुशवाहा, रविन्द्र पाठक, तुलसी रैकवार, लछमी शंकर लोधी, केदार राजपूत, सौरभ राजपूत, शीलू लोधी सहित दर्जनों लोगों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने की निष्पक्ष जांच की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और स्थानीय मजदूरों को वरीयता देते हुए रोजगार उपलब्ध कराया जाए।