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प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा: ब्लैकलिस्टेड कंपनी के ऑफिस में मिलीं योजनाओं की फाइलें, नरेंद्र मिश्रा ने मांगी जांच

महोबा: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (PMAY-Urban) के नाम पर गरीबों के साथ हो रहे भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भाजपा के युवा नेता नरेंद्र मिश्रा ने एक निजी ब्लैकलिस्टेड कंपनी के दफ्तर को खुला देख अंदर जाने के बाद बड़ी अनियमितता का खुलासा किया है।

 रात करीब 8:30 बजे  जब नरेंद्र मिश्रा अचानक पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थित एक प्राइवेट मकान में पहुंचे। पूछताछ करने पर पता चला कि यह एक निजी कंपनी का ऑफिस है, जो पहले ही शासन द्वारा ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है।

निजी ऑफिस में पड़े प्रधानमंत्री आवास की फाइलें।

ऑफिस के अंदर पड़ी फाइलों पर नजर पड़ते ही पंडित मिश्रा हैरान रह गए, क्योंकि वहां प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (फेज-2) की महत्वपूर्ण फाइलें मौजूद थीं। सवाल यह उठा कि सरकारी योजना से जुड़ी संवेदनशील फाइलें एक ब्लैकलिस्टेड निजी संस्था के पास कैसे पहुंचीं?

नरेंद्र मिश्रा भाजपा युवा नेता

नरेंद्र मिश्रा का आरोप है  मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने खुद को संबंधित विभाग का कर्मचारी बताया और कंप्यूटर पर फाइलों की एंट्री कर रहा था। वहीं, एक अन्य व्यक्ति, जिसने अपने आप को जेई बताया और चरखारी में पोस्टिंग की बात कही, जो मौके पर मौजूद था। गौर करने वाली बात यह है कि शासनादेश के अनुसार, इस व्यक्ति की भूमिका पहले ही संदिग्ध बताई गई थी और उस पर रोक लगाई जा चुकी थी।

मीडिया के पहुंचने पर नरेंद्र मिश्रा ने साफ तौर पर कहा, “यह मामला बेहद गंभीर है। जो लोग शासनादेश की अवहेलना कर रहे हैं और गरीब, मजदूर, किसान को मिलने वाले हक को लूट रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। 

उन्होंने आगे कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी और दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों व निजी कंपनियों को जेल भेजा जाएगा।
इस दौरान स्वावलंबी भारत अभियान के संयोजक धनेंद्र दीक्षित भी उनके साथ मौजूद रहे और उन्होंने भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।

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