प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में महोबा में बड़ा भ्रष्टाचार!
ब्लैक लिस्टेड कंपनी के कर्मी फिर एक्टिव, सरकारी फाइलें निजी मकान में, लाभार्थियों से अवैध वसूली के आरोप के साथ सनसनीखेज मामला सामने आया

महोबा :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीबों के लिए चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) 2.0 में एक बार फिर से बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। इस बार आरोप सीधे डूडा (DUDA) विभाग में काम कर रहे निजी कंपनी के कर्मचारियों पर लगे हैं, जो पहले से ही ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनी से जुड़े बताए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
महोबा में भाजपा नेता नरेंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया है कि ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनी रूद्र इंटरप्राइजेज के कर्मचारी, डूडा विभाग के सीएलटीसी अर्पित की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र लाभार्थियों से संपर्क कर डाटा फीडिंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी दस्तावेजों की फाइलें निजी मकान में ले जाकर डिजिटल फीडिंग की जा रही थीं। भाजपा नेता ने अपने सहयोगियों के साथ मौके पर जाकर इस गतिविधि को रंगे हाथों पकड़ा और इसकी सूचना जिलाधिकारी गजल भारद्वाज को दी।

डीएम से शिकायत के बाद, ADM को सौंपी गई जांच।
भाजपा नेता ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत सौंपते हुए मांग की कि ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनी के कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जाए। शिकायत के आधार पर डीएम गजल भारद्वाज ने ADM नमामि गंगे मोइनुल इस्लाम को जांच सौंपते हुए जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
रूद्र इंटरप्राइजेज पहले ही ब्लैक लिस्ट में, फिर भी एक्टिव कैसे?
जिला प्रशासन की तरफ से 18 मार्च 2023 को रूद्र इंटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था और उसे सभी सरकारी कार्यों, विशेषकर DPR (Detailed Project Report) तैयार करने से हटा दिया गया था। लेकिन अब यह सामने आया है कि उसी कंपनी से जुड़े कर्मचारी अब फिर से योजनाओं में सक्रिय हैं और सरकारी दस्तावेजों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
अवैध वसूली और दस्तावेज़ों की लीकिंग का आरोप
शिकायतकर्ता के अनुसार, डूडा विभाग के कर्मचारियों द्वारा निजी व्यक्तियों के माध्यम से लाभार्थियों से पैसे लिए जा रहे हैं और फाइलों को विभाग से बाहर ले जाकर प्राइवेट मकानों में फीडिंग की जा रही है। यह सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन और सरकारी गोपनीयता भंग करने का गंभीर मामला है।

भाजपा नेता नरेंद्र मिश्रा ने बताया
“सरकारी योजनाओं के नाम पर गरीबों को ठगना बंद होना चाहिए। हमने खुद अपनी आंखों से देखा कि कैसे निजी मकान में फाइलें लेकर बैठे थे कर्मचारी। हमने डीएम को शिकायत देकर जांच की मांग की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”