मुख्यमंत्री आरोग्य मेला बना खानापूर्ति का जरिया, अजनर में मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं, जनता में आक्रोश
अजनर (महोबा):राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और आमजन को इलाज की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हर रविवार मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन किया जाता है। लेकिन अजनर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर आयोजित यह मेला अब सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति बनकर रह गया है।
सुबह से करते रहे इंतजार, नहीं पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी
रविवार को दर्जनों मरीज सुबह से ही आरोग्य मेला स्थल पर अपनी स्वास्थ्य जांच और दवाओं के लिए पहुंचे, लेकिन सुबह 11 बजे तक एक भी स्वास्थ्यकर्मी मौके पर मौजूद नहीं था। मरीजों ने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन जब कोई भी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई तो वे निराश होकर लौट गए।
डॉक्टरों की जगह आंकड़े भरते कागज
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मेले की रिपोर्ट में 50 से अधिक मरीजों की मौजूदगी दर्शाई जाती है, जबकि वास्तव में 10 मरीज भी नहीं होते। यह सब कागज़ी खेल बनकर रह गया है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है।
स्थल पर सन्नाटा, स्टाफ नदारद
दोपहर 1:55 बजे जब मौके का जायजा लिया गया, तो पूरा मेला स्थल सुनसान मिला। केवल महिला चिकित्सक डॉ. बैशाली सोनी, स्टाफ नर्स भगवती और आशा कार्यकर्ता रामकुमारी ही उपस्थित पाई गईं। बाकी चिकित्सा स्टाफ पूरी तरह से नदारद था
जनता में रोष, कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि अजनर स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से नियमित डॉक्टर की तैनाती नहीं है और न ही मरीजों को कोई विशेष लाभ मिल रहा है। जनता ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि इस घोर लापरवाही की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे।